Thursday, July 28, 2011

बेशक क़त्ल करो मेरा पर डरता हूँ कि

तेरी आँखों में हया की नमी हो जाए
तो शायद मुझे तुमपे यकीं हो जाए !!

बेकरारी भले हो पर आऊँगा तभी जब
तेरी जुल्फों में जुओं की कमी हो जाए !!

बादल की अमानत जमी से ही है
क्या करे बादल जब बेवफा जमी हो जाए !!

बेशक क़त्ल करो मेरा पर डरता हूँ कि
साँसे तेरी हैं, कत्ल न इनका कहीं हो जाए !!

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